हिन्दी पुस्तकें
चचनामा Chachanama Translated by Surendra Agyat
₹200.00
सिंध पर अरबों के आक्रमण तथा भारतीय प्रतिरोध का इतिहास” सरल चचनामा डाॅ सुरेन्द्र अज्ञात
बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर स्वर्ण महोत्सव ” जनता ” विशेषांक 1942 ( 14 अप्रैल, 1942 ) Babasaheb Dr. Ambedkar swarna mahotsave 14 April 1942 me Janta me chhape vishesh lekh by Sahastrabuddhe
₹125.00
बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर स्वर्ण महोत्सव " जनता " विशेषांक 1942 ( 14 अप्रैल, 1942 ) ************************** हिंदी जगत में पहली बार मराठी से हिंदी में अनुवादित "जनता" विशेषांक 1942 बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर के 50वें जन्म दिवस (स्वर्ण महोत्सव) के अवसर पर संपादक जी.एन. सहस्त्रबुद्धे के संपादन में प्रकाशित हुआ था। इस अंक में बाबासाहेब के बारे में तत्कालिन लेखक तथा समाजसेवियों के...
भारत का असली हस्तलिखित संविधान हिंदी में Original Constitution of India in Hindi Bharat ka Asli Hastlikhit Sanwidhan Hindi men
₹15,000.00
यह भारत के असली हस्तलिखित, संशोधित संविधान के पहले ड्राफ्ट की प्रति (काॅपी) है जिसे संविधान सभा में पारित किया गया था। यही डाॅ. भीमराव अम्बेडकर जी का लिखित असलीRead More
भारत का प्राचीन भूगोल (बौद्ध काल) एलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा लिखित पुस्तक “The Ancient Geography of India” अनुवादक: ताराराम, प्राक्कथन: डाॅ.राजेन्द्र प्रसाद सिंह Pracheen Bharat ka Bhugol
₹450.00
भारत का प्राचीन भूगोल ( बौद्ध काल ) एलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा लिखित पुस्तक " The Ancient Geography of India" का मुकम्मल, विश्वसनीय तथा प्रमाणिक अनुवाद। अनुवादक/ संपादक: ताराराम ( बौद्ध अध्ययन और अनुसंधान केंद्र ,जोधपुर ) प्राक्कथन: डाॅ.राजेन्द्र प्रसाद सिंह ( अंतरराष्ट्रीय ख्यात भाषा वैज्ञानिक, आलोचक एवं इतिहास मर्मज्ञ ) पृष्ठ: 432 मूल्य: 450₹ भारत के प्राचीन ग्रंथ, चाहे...
श्रम का विभाजन और निर्माण, लेखक: कार्ल मार्क्स, हिन्दी अनुवादक व टिप्पणीकार: निखिल सबलानिया Shram ka vibhajan aur Nirman, Division of Labour and Manufacture by Karl Marx in Hindi, translation and commentary by Nikhil Sablania
₹299.00
श्रम क्या होता है? श्रम का शाब्दिक अर्थ है मेहनत। हम सब अपने जीवन में अपने जीने के साधन जुटाने के लिए जो मेहनत करते हैं उसे श्रम कहते हैं। अपना घर संभालने के लिए जो मेहनत करते हैं वह भी श्रम है। अंग्रेजी में इसे लेबर बोलते हैं। अब जरा इन प्रश्नों को देखते हैं। क्या आपके पास इनके...
(बहुजन क्रांतिकारियों को) प्रणाम मेरे उद्धारक
₹100.00
लेखक भाषा हिन्दी कवर संस्करण पृष्ठ ISBN प्रकाशक
1857 की क्रांति में दलितों का योगदान, लेखक सतनाम सिंह 1857 ki kranti me Daliton ka Yogdan by Satnam Singh
₹200.00
लेखक भाषा हिन्दी कवर संस्करण पृष्ठ ISBN