कृप्या ध्यान दें – यह मूल्य पुस्तकों की कीमत के साथ ही आपकी सहयोग राशि भी है जिससे कि डॉ. आंबेडकर जी की आनेवाली पुस्तकों का प्रकाशन सुचारु रूप से चलता रहे।
जय भीम
प्रकाशक : -निखिल सबलानिया
1. जाति का संहार (एन्हीलेशन ऑफ़ कॉस्ट) (Annihilation of Caste by Dr. Ambedkar in Hindi translated by Nikhil Sablania) लेखक – डॉ. भीम राव आंबेडकर जी; अनुवादक – निखिल सबलानिया
2. भारत में जातियां (कास्टस इन इंडिया) (Castes in India by Dr. Ambedkar in hindi, translated by Nikhil Sablania) लेखक – डॉ. भीम राव आंबेडकर जी; अनुवादक – निखिल सबलानिया
3. अछूत और ईसाई धर्म (The Untouchables and Christanity by Dr. Ambedkar in hindi, translated by Nikhil Sablania) लेखक – डॉ. भीम राव आंबेडकर जी; अनुवादक – निखिल सबलानिया
4. डाॅ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म (Dr. ambedkar and Buddha Dhamma by Dr. Ambedkar and Nikhil Sablania) लेखक – डॉ. भीम राव आंबेडकर जी; निखिल सबलानिया
5. बुद्ध का पथ (Buddha ka Path, Path of the Buddha, in Hindi by Nikhil Sablania) लेखक – निखिल सबलानिया
6. दलित की गली (Dalit ki Gali, Street of a Dalit, in Hindi, by Nikhil Sablania) लेखक – निखिल सबलानिया
7. बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर जी की सचित्र कथा और कथन, सौ से अधिक फोटों के साथ (Baba Sahib Dr. Bhim Rao Ambedkar ji Ki Sehchitra Katha aur Kathan, Short biography of Baba Sahib Dr. Bhim Rao Ambedkar ji with 100+ real photos and important quotes, by Nikhil Sablania) लेखक – निखिल सबलानिया
8. भारतीय संविधान के जनक भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर” – और इसके लेखक हैं स्वपन कुमार बिस्वास
9. बैराठ का बौद्ध इतिहास
10. श्रम का विभाजन और निर्माण, लेखक: कार्ल मार्क्स, हिन्दी अनुवादक व टिप्पणीकार: निखिल सबलानिया
*भारतीय संविधान पर दुर्लभ पुस्तक*
_भारतीय संविधान और डॉ. अम्बेडकर जी के योगदान को समझाने वाली एक दुर्लभ पुस्तक वर्षों बाद लोगों तक पहुंच रही है। पुस्तक का शीर्षक है – “भारतीय संविधान के जनक भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर” – और इसके लेखक हैं स्वपन कुमार बिस्वास।_
यह पुस्तक दुर्लभ पुस्तक संग्रह का अंग है जिसे ‘निखिल सबलानिया प्रकाशन’ द्वारा आप तक पहुंचाया जा रहा है। इस पुस्तक का प्रथम प्रकाशन 1997 में अंग्रेजी में हुआ था और 2005 में प्रथम हिंदी संस्करण आया। वेबसाइट पर बेचीं जाने वाली यह प्रति 15 सालों से सुरक्षित रखी गई एक दुर्लभ कृति है।
साथ ही यह पुस्तक इतिहास का एक अहम दस्तावेज़ है। बहुत से लोगों को न ही तो भारतीय संविधान के बारे में पता है, न किसी अन्य देश के संविधान के बारे में, न ही अपने संविधान की विशेषताओं के बारे में और न ही डॉ. अम्बेडकर जी के योगदान के बारे में। ऐसी कितनी ही भ्रांतियां, विसंगतियां एवं विवाद संविधान से जुड़े हैं जिन्हें सरकार स्पष्ट करने में विफल रही है। पर लेखक ‘स्वपन कुमार बिस्वास’ ने अपने वर्षों के अनुभव, ज्ञान और दशकों के कर्यकाल के बाद अपनी पैनी कलम से इतिहास को यह दस्तावेज़ भेंट किया है। इसे प्रत्येक भारतीय को पढ़ना चाहिए और अपने संविधान की विशेषताओं के बारे में जानना चाहिए। डॉ. अम्बेडकर जी के चाहने वालों और भारतीय संविधान का आदर और सुरक्षा करने वालों के लिए यह एक अनुपम पुस्तक है। संविधान पढ़ना चाहिए पर साथ ही उसकी विशेषताओं को समझना और उसका बचाव करना भी आना चाहिए। ये दोनों उद्देश्य यह पुस्तक पूरा करती है। शोधकर्ताओं, लेखकों, साहित्य का सृजन करने वालों, पत्रकारों, छात्रों के साथ यह पुस्तक समाज के हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी है जो अपने देश और अपने संविधान को समझने में रूचि रखते हैं।
पुस्तक को इतने वर्षों तक सुरक्षित रखने, इसकी आज की कीमत और आगे भी प्रकाशन करने के लिए पुस्तक की कीमत को संशोधित किया गया है। प्रकाशक ने अपील की है कि – “आप हमारे लिए ग्राहक नहीं बल्कि अम्बेडकरवादी साहित्य के संरक्षक हैं जो डॉ . अम्बेडकर जी के विचारों को आगे बढ़ाने में मददगार हैं। इसलिए आपसे अपेक्षा की जाती है कि इस पुस्तक की कीमत पैसे से न लगाएं और इसका अधिक से अधिक प्रचार और प्रसार करें और लोगों में वितरित करें जिस से कि लोगों में संविधान और संविधान में डॉ. अम्बेडकर जी के योगदान को लेकर सही समझ पैदा हो सके।”
कृप्या ध्यान दें – यह मूल्य पुस्तकों की कीमत के साथ ही आपकी सहयोग राशि भी है जिससे कि डॉ. आंबेडकर जी की आनेवाली पुस्तकों का प्रकाशन सुचारु रूप से चलता रहे।
जय भीम
प्रकाशक : -निखिल सबलानिया