भीमा से विश्व का महानतम व्यक्ति बनने की संघर्ष गाथा, लेखक नेतराम ठगेला Bhima se vishwa ka mahantam vyakti banane ki sangharshgatha by Netram Thagela

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लेखक परिचय

नेतराम ठगेला का जन्म श्रीमती प्रभुदेवी व श्री हरीचंद ठगेला की सबसे बड़ी संतान के तौर पर आगरा, उत्तर प्रदेश में 25 जुलाई, 1958 को हुआ था। आपके दादा नथोली राम का आगरा में खाल साफ करके रंगने का व्यवसाय था। आपने अपनी करोल बाग, दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से प्रारंभिक शिक्षा लेने के साथ-साथ ट्यूशन पढ़ाने का कार्य भी किया। आप बाल्यकाल से ही समाज सेवा करते हुए जनसमस्याओं को अधिकारियों के सम्मुख रखते थे। इस दौरान आपका शहीदे आजम भगत सिंह के रिश्तेदारों व जानकारों से संपर्क हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम पास की परीक्षा उर्त्तीण करते ही पी.डब्लयू.डी., दिल्ली सरकार में आपकी नौकरी लग गई। इसके बाद आपने डिपार्टमेंट ऑफ इलैक्ट्रानिक में जूनियर ऑडिटर में नियुक्ति के बाद यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके आर्ल्ड फोर्सेस हेडक्वाटर्स सिविल सर्विस के तहत रक्षा मंत्रालय में नौकरी करना शुरू किया।

बाबासाहेब के शिक्षित बनो के नारे के तहत नौकरी के साथ एम.ए. इकोनामिक्स, राजस्थान विश्वविद्यालय के बाद एलएलबी, दिल्ली विश्वविद्यालय से करके एम.ए. राजनीतिशास्त्र दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। आप लगभग एक दशक तक भारत सरकार से मान्यता प्राप्त ए. एफ. एच. क्यू. की सीनियर ग्रुप ‘ए’ अधिकारियों की संस्था के पहले कुछ समय सचिव फिर अध्यक्ष रहे।

1997 में पांच आरक्षण विरोधी आदेशों के जारी होने के बाद अधिकारी होने के बावजूद आप बाबासाहेब के संघर्ष करो नारे को फलीभूत करते हुए पूरी ताकत से अनुसूचित जाति/जनजाति के साथ समतावादी आंदोलन से जुड़कर अनेक संगठनों में काम कर रहे हैं। सेवा के दौरान मलेशिया, फिलिपिंस, हांगकांग, सिंगापुर समेत देश-विदेश में भ्रमण करने का अवसर मिला। इस दौरान मिले अनुभवों व पिछली शिक्षाओं से ओतप्रोत होकर यह पुस्तक लिखी है। आपकी पत्नी श्रीमती विमला ठगेला, लगभग 30 वर्षों से आपके मार्गदर्शन में सामाजिक उत्थान पत्रिका का प्रकाशन व संचालन कर रही हैं। संपर्क : 8750440022

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